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सुनने-पढ़ने लायक नहीं : 10 साल की एक मासूम और 6 नाबालिक बच्चे, क्या हो रहा हमारे समाज में, जरा सोचिए…

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समाजशास्त्र में,साहित्य में, मनोविज्ञान और कला की दुनिया में एक सार्थक बहस का यह हमेशा मुद्दा रहा है कि समाज बड़ा या व्यक्ति। व्यक्ति नहीं तो समाज कैसा। मगर किसी भी समाज की कुछ अपनी सांस्कृतिक मान्यताएं होती हैं। कुछ अनुशासन होता है, जिससे व्यक्ति को अपनाना होता है अपने मन के विरुद्ध जाकर भी। बेशक मनुष्य के मन का विकास भी सामाजिक वातावरण में ही होता है और यह सामाजिक वातावरण व्यक्तियों का समूह ही बनाता है। अतः समाज और व्यक्ति एक दूसरे के पूरक हैं।व्यक्ति जब मर्यादाओं को लांघ कर कुछ अनैतिक अथवा गैर कानूनी करता है, तो समाज और राज्य की दृष्टि में वह अपराधी हो जाता है। एक बच्चे का विकास मां की गोद से लेकर परिवार के वातावरण और उसके बाहर की सारी गतिविधियों से संचालित होता है। फिर भी अगर किसी समाज में कम उम्र के बच्चे असंभव सी गतिविधियों में अपने को सम्मिलित कर लें तो समाज के लिए चिंता का दायरा बड़ा हो जाता है। इसी चिंता के दायरे में झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड में एक 10 साल की मासूम से 6 नाबालिग बच्चों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने की घटना आती है। बहुत बार ऐसा होता है कि समाज ऐसी समस्याओं को नजरअंदाज कर सब कुछ कानून पर छोड़ देता है, तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होता। ऐसी स्थिति में ऐसी घटनाओं को सुनना और इनके विषय में पढ़ना बड़ा कठिन होता है,लेकिन इन समस्याओं से पार पाने के लिए इन्हें समझना तो पड़ेगा ही। 

विवाद के बाद सबक सिखाने के लिए किया ऐसा जघन्य काम

मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड में एक विवाह समारोह में छोटे से आपसी विवाद के बाद आधा दर्जन नाबालिगों ने सबक सिखाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से 10 साल की मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर बालसुधार गृह भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस घटना की जानकारी 22 अप्रैल को तब हुई, जब पंचायत में मामला न सलटने पर पीड़ित लड़की की मां ने तपकरा थाने में FIR दर्ज कराई।

अत्यंत वेदना देनेवाला है यह कृत्य

 तपकरा थाने के प्रभारी सत्यजीत कुमार ने बताया कि 22 April को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और उसी दिन पांच नाबालिग आरोपियों को पकड़ लिया। एक आरोपी को 23 अप्रैल को पकड़ा गया। उन्होंने बताया के आरोपी और पीड़ित सभी आदिवासी समुदाय के हैं। उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल को पड़ोसी गांव में एक शादी थी। इसमें पीड़िता भी शामिल होने गई थी। उसी दौरान किसी बात को लेकर लड़की से बारात में ही आए कुछ लड़कों की कहासुनी हो गई। इसके बाद रात में लड़की जब अकेले अपने गांव लौट रही थी, तभी योजनानुसार विवाद में शामिल सभी 6 नाबालिग लड़के उसे पकड़कर जबरदस्ती सुनसान स्थान पर ले गए और उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद फरार हो गए।

किसी तरह अपने घर पहुंची पीड़िता

हादसे के बाद पीड़िता किसी प्रकार अपने घर पहुंची और साहस करके उसने पूरे मामले की जानकारी परिजनों को दी। घटना के बाद गांव में 21 अप्रैल को पंचायत बुलाकर मामले को सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनने पर तपकरा थाने में 22 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई। 

9 से 15 साल के हैं सारे आरोपी

थानेदार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सभी आरोपियों की उम्र नौ से 15 साल के बीच है और सभी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गये गए सभी बच्चों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।

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