Hazaribagh news, Jharkhand news : पत्नी अनीता कुमारी को जलाने के आरोपित झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशोक कुमार को हजारीबाग सदर एसडीएम के पद से सिर्फ हटाने से लोग संतुष्ट नहीं हैं। अनीता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सड़क से लेकर इंटरनेट मीडिया तक में अभियान चलाया जा रहा है। सांसद, विधायक से लेकर आम जनता इस अभियान में भागीदार हैं और लगातार इस मुद्दे पर पोस्ट कर रहे हैं।
कानून के हाथ लंबे, जल्द हिरासत में होंगे एसडीएम
सांसद मनीष जायसवाल एक-एक घटनाक्रम को लगातार पोस्ट के माध्यम से रख रहे हैं। एसआइटी के गठन और एसडीएम को हटाए जाने पर पोस्ट करते हैं-न्याय होगा। पीड़ित परिवार को इंसाफ जरूर मिलेगा। सदर विधायक प्रदीप प्रसाद इस मामले में सड़क से लेकर इंटरनेट मीडिया पर लगातार सक्रिय हैं। कई पोस्टों मे उन्होंने एसडीएम की गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं एक पोस्ट में अर्जुन सोनी लिखते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते है, जल्द एसडीएम जल्द हिरासत में होंगे।
हजारीबाग की जनता मांग रही इंसाफ
ऐसे सैकड़ों पोस्ट फेसबुक वाल पर भरे पड़े हैं। विशेषकर लोग सरकार की कार्रवाई में देरी पर भी लगातार सवाल उठा रहे हैं। एक तो घटना के चार दिन बाद एसडीएम को यहां से हटाया गया। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ट्रांसफर कतई सही नहीं है।
अधिवक्ता इंद्र कुमार पंडित ने अपने पोस्ट में लिखा
अधिवक्ता इंद्र कुमार पंडित अपने लंबे पोस्ट में लिखते हैं कि अपनी पत्नी को आग में जलाकर मार डालने के आरोपित को ट्रांसफर कर सरकार अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण देने का काम कर रही है। सरकार को एसडीएम अशोक कुमार को निलंबित करते हुए तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। अशोक पर 26 दिसंबर को पत्नी अनीता कुमारी को जलाकर मारने का आरोप है। उसके भाई के आवेदन पर 27 दिसंबर को प्राथमिकी की गई है।
एसडीएम के बड़े पुत्र से हुई पूछताछ
दूसरी तरफ बाल कल्याण समिति की टीम भी इस मामले को लेकर सक्रिय हो गई है। दो सदस्यीय टीम ने एसडीएम अशोक कुमार के बच्चों से घटना के संबंध में जानकारी ली। उनका बयान कलमबद्ध किया है। इस टीम का नेतृत्व कविता मित्रा कर रही थीं। बच्चों से बातचीत कर पूरे घटना की जानकारी ली। टीम ने एसडीएम के बड़े पुत्र से पूछताछ की। घटना के बाद दोनों बच्चों को उनके दादा की जगह नाना-नानी के घर भेज दिया गया है।