100 जंगी जहाजों से लगातार तीन घंटे तक बम वर्षा
ईरान के परमाणु व तेल भंडारों को बचा विश्व युद्ध रोका
दो जवानों के मारे जाने की ईरान ने की है पुष्टि
Tehran news, Berut news : इजरायल ने आखिरकार ईरान पर पलटवार कर ही दिया। शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमलों के लिए इजरायल ने सौ से ज्यादा जंगी विमानों से तीन घंटे तक लगातार हमला करता रहा। जंगी जहाजों में अत्याधुनिक एफ-35 ‘अदिर’ स्टील्थ भी शामिल था। इस हमले में ईरान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ईरान ने पुष्टि की है कि उसके दो जवान भी हलाक हो गए हैं। पहली अक्टूबर को ईरान के हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान ने ‘‘बड़ी भूल की है।’’ ईरान ने इजराइल में कम से कम 180 मिसाइल दागी थीं। इजरायली युद्धक विमानों को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए दो हजार किमी से अधिक की यात्रा करनी पड़ी।
परमाणु और तेल के खजाने से खुद को दूर रखा
इजरायली सेना ने दुनिया को विश्व युद्ध में धकेलने से रोकते हुए परमाणु और तेल के खजाने से खुद को दूर रखा। हालांकि इन हमलों के बाद ईरान में हाई अलर्ट है। ईरान की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की आशंका है। द जेरूसलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बड़े पैमाने के हमले में लड़ाकू विमानों को लगभग दो हजार किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। लंबी दूरी के हमलों के लिए व्यापक ईंधन भरने की क्षमताओं की आवश्यकता होती है। 669 बचाव इकाई को हाई अलर्ट पर रखा जाता है।
ईरान बोला – इजरायली हमलों ने इलम, खुज़ेस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया
इस बीच, ईरान ने कहा कि इजरायली हमलों ने इलम, खुज़ेस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान का दावा है कि इन हमलों से उसे कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। आईडीएफ अब ईरान, इराक, यमन, सीरिया और लेबनान से संभावित प्रतिक्रियाओं पर सतर्कता से नजर रख रहा है और संभावित जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी तेल अवीव में किरया बेस पर तैनात हैं। एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने खुलासा किया कि सुरक्षा कैबिनेट ने कल रात एक फोन सम्मेलन के दौरान हमले की स्वीकृति दी। आईडीएफ के प्रवक्ता आर. एडम ने कहा कि आईडीएफ आक्रामक और रक्षात्मक दोनों अभियानों के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है। ईरान और उसके प्रतिनिधियों पर बारीकी से नजर रखता है।
व्हाइट हाउस ने इजरायल की कार्रवाइयों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि ईरानी सैन्य ठिकानों पर इजरायल के सटीक हमले उसके आत्मरक्षा के अधिकार के अनुरूप हैं। यह पहली अक्टूबर को ईरानी मिसाइल हमले की प्रतिक्रिया है।
36 साल बाद मिला ऐसा जख्म
इजरायल ने शनिवार सुबह ईरान पर हवाई हमले किए और कहा कि उसने ईरान द्वारा इस महीने की शुरुआत में इजरायल पर दागे गए बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में उसके सैन्य स्थलों को निशाना बनाया। विस्फोटों की आवाज ईरान की राजधानी तेहरान में भी सुनी गईं, लेकिन इस्लामी गणराज्य ने जोर देकर कहा कि इन हमलों से केवल सीमित क्षति हुई है। इजरायल पर 1980 के बाद किसी देश ने इस तरह का हमला किया है। इससे पहले 1980 के दशक में इराक युद्ध के दौरान ईरान पर इतने बड़े हुए थे। यह युद्ध 1980 से 1988 तक चला था।
इजरायल के तीन घंटे चले हमले सूर्योदय के पहले समाप्त हुए
इजरायल के इन हमलों ने दोनों कट्टर शत्रुओं के बीच ऐसे समय में पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है, जब पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह, गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्ला, पहले से ही इजरायल के साथ युद्धरत हैं। इजरायल के तीन घंटे चले हमले सूर्योदय के पहले समाप्त हुए। इजराइल ने कहा कि उसने ईरान में मिसाइल निर्माण संयंत्रों और अन्य स्थलों को निशाना बनाकर हमले किए। उसने कहा कि ईरान में हमले करने के बाद उसके विमान सुरक्षित स्वदेश लौट आए हैं।
‘सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से हमला
इजरायली सेना ने कहा कि उसके विमानों ने उन मिसाइल निर्माण संयंत्रों पर हमला किया, जिनका इस्तेमाल उन मिसाइलों को बनाने के लिए किया जाता था, जिन्हें ईरान ने अभी कुछ दिन पहले इजरायल पर दागा था। उसने कहा कि उसने ‘सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और उन अतिरिक्त ईरानी हवाई क्षमताओं पर भी हमला किया, जिनका उद्देश्य ईरान में इजरायल की हवाई संचालन स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना था।’ इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में शनिवार को कहा, ‘दुनिया के हर अन्य संप्रभु देश की तरह इजरायल को भी जवाब देने का अधिकार है और यह उसका कर्तव्य है।’
अमेरिका की चेतावनी
इस बीच अमेरिका ने कहा कि ईरान पर इजरायल के हमलों से हिसाब बराबर हो चुका है और अब दोनों शत्रु देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद होने चाहिए। अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने इजरायल पर जवाबी हमले किए, तो उसे इसके अंजाम’ भुगतने पड़ेंगे। ईरान ने शनिवार की सुबह देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने उड़ानों पर नजर रखने वाले डेटा का विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि अधिकतर वाणिज्यिक विमान ईरान, इराक, सीरिया और लेबनान के हवाई क्षेत्र से बाहर चले गए हैं।
पस्त हो गया ईरान का डिफेंस सिस्टम
ईरान यहूदी देश को गीदड़ भभकी ही देता रह गया और इजरायल ने शनिवार सुबह जोरदार हमला कर दिया। इस हमले के वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें देखा जा सकता है कि इजरायल की ओर से दागे गए रॉकेट तेहरान में गिर रहे हैं। वहीं ईरान ने कुछ मिसाइलों को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन ज्यादातर फेल हो गया। ईरानी मीडिया के मुताबिक तेहरान में सेना के बेस के पास ही दो बार तेज हमले किए गए। बचाव में ईरान का डिफेंस सिस्टम पस्त दिख रहा था।
रूस ने ईरान को किया था सतर्क
ईरान पर हुए इजरायली हवाई हमले की जानकारी रूस ने कुछ घंटे पहले ही ईरान को दे दी थी। स्काई न्यूज अरबिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पहली अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमले के जवाब में इजरायल हमला करने के लिए तैयार था। इस हमले के बारे में रूस ने पहले ही तेहरान को खुफिया जानकारी प्रदान कर दी थी। हालांकि इसके बाद भी ईरान की तरफ से बताया गया कि इजरायली हमलों में उसके दो जवान मारे गए हैं।