बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के शहर से सटे मजूराहां गाँव में एक अनोखी शादी देखने को मिली। दरअसल यहाँ एक कुत्ते और कुतिया की शादी कराई गई है। वह भी पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ। शादी के लिए मंडप बना था और बारातियों के खाने पीने का इंतजाम भी था। बाराती भी बजपते डीजे के धुन पर खूब डांस कर रहे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि बराती और सराती दोनो एक हीं परिवार के हैं।जिस कुत्ते की शादी हुई उसका नाम कोल्हू है और कुतिया का नाम बसंती है।
मांगलिक गीतों के साथ हल्दी का रस्म हुआ
कोल्हू और वसंती के मालिक नरेश सहनी व मालकिन सविता देवी ने सबसे पहले कुलदेवता का पूजा की। फिर पारंपरिक मांगलिक गीतों के साथ हल्दी का रस्म हुआ। गांव की ग्रामीण महिलाएं नाचते-गाते मटकोर की रस्म के लिए निकली। मटकोर पूजा हुआ। फिर डीजे के धुन पर नाचते गाते बारात के साथ सजधज कर कोल्हू निकला। बारात गांव में हीं घुमकर दरवाजे पर पहुंची, तो द्वार पूजा की रस्म हुई। फिर पूरे विधि विधान के साथ हिंदू रीति रिवाज से बुलाए गए पंडित ने सिंदूरदान कराकर शादी संपन्न कराया। इस बीच बारातियों को लजीज व्यंजन परोसा गया। तरह-तरह के पकवान बनाने के लिए रसोईया की भी व्यवस्था की गई थी। गांव के लगभग चार सौ लोग बाराती के रुप में शामिल हुए और इस अनोखी शादी के गवाह बने।