कोल इंडिया से जल्द ही सीएमपीडीआई अलग हो जाएगी। कोयला मंत्रालय ने एमईसीएल के साथ कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी इकाई सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इन्स्टीच्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल) के मर्जर को लेकर अपनी ओर से मंजूरी दे दी है। मर्जर को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ माइंस की ओर से मांगे गए प्रस्ताव पर बीते 18 अप्रैल को सीएमपीडीआइएल के सीएमडी मनोज कुमार ने कोयला मंत्रालय के ज्वांइट सेक्रेटरी को कॉन्फिडेंशियल लेटर लिखकर जानकारी दी है कि 20 अप्रैल तक प्रस्ताव तैयार करते हुए सारी जानकारियां उपलब्ध करा दी जाएंगी, ताकि कैबिनेट नोट तैयार किया जा सके।
एमईसीएल से मर्जर को लेकर मांगा था प्रस्ताव
गौरतलब है कि एमईसीएल के साथ मर्जर को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ माइंस के तकनीकी निदेशक प्रदीप सिंह ने बीते 13 अप्रैल को सीएमपीडीआइएल को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा था। इसमें बताया था कि कोयला मंत्री ने एमईसीएल के साथ कंपनी के मर्जर पर अपनी सहमति जता दी है। एमईसीएल के साथ मर्जर के बाद सीएमपीडीआइएल कोल इंडिया से अलग हो जाएगी।
रांची है सीएमपीडीआइएल का मुख्यालय
सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इन्स्टीच्यूट में मौजूदा समय में 2985 श्रमिक से लेकर अधिकारी कार्यरत हैं। कंपनी का मुख्यालय रांची में है। वहीं क्षेत्रीय कार्यालय धनबाद, आसनसोल, रामगढ़, भुनेश्वर, बिलासपुर, नागपुर सहित अन्य राज्यों में है।
कोल इंडिया की प्लानिंग इसी के अधीन होती है
वर्तमान में कोल इंडिया की माइनिंग प्लानिंग से लेकर सारी गतिविधियों में सीएमपीडीआइएल की सीधी भागीदारी रहती है। इसके अलग होने के बाद सुरक्षित कोयला खनन की प्लानिंग को लेकर कोल इंडिया को भी कई तरह की परेशानी होगी।
1973 में सीएमपीडीआएल का हुआ था गठन
साल 1973 के दिसंबर माह में भारत सरकार ने सीएमपीडीआइ की रचना से संबंधित प्रस्ताव को इसके क्रिया-कलापों की सीमा को राष्ट्रीयकृत कोयला उद्योग तक ही सीमित रखते हुए स्वीकृत किया, क्योंकि उस समय वैज्ञानिक खनन की जरूरत कोयला खनन के क्षेत्र में सर्वाधिक थी। राष्ट्रीयकरण के बाद प्लानिंग तरीके से कोयला खनन किया जाए, इसकी उपयोगिता को देखते हुए इसका गठन किया गया था। यहां माइनिंग एक्सपर्ट की टीम काम करती है।
परामर्श रिपोर्ट बनाती करती है सीएमपीडीआइ
सीएमपीडीआइ कोयला खनन में मुख्य रूप से कोल इंडिया को सहयोग करती है। इसका व्यावसायिक कार्य खनिज, गवेषण, खनन, अवसंरचनात्मक, इंजीनियरिंग, पर्यावरण प्रबंधन तथा प्रबंधन सिस्टम, विशेष रूप से कोयला उद्योग के अंदर एवं बाहर तथा देश के खनिज, खनन, एवं संवर्गी सेक्टरों के प्रबंधन प्रणाली के लिए परामर्श प्लान रिपोर्ट तैयार करना है। बताया जाता है कि कोयला के भंडारों, कोयला खनन की संभाव्यता तथा परिचालन आदि में इसकी महत्वपूर्ण भागीदारी है। कोयला खनन उद्योग के अनुसंधान तथा विकास संबंधी आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करने के लिए सीएमपीडीआइ प्लान रिपोर्ट तैयार करती है।