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साइबर ठगों को पकड़ने में पुलिस को मिलेगी मदद 

साइबर ठगों को पकड़ने में पुलिस को मिलेगी मदद 

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क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड एंड इन्वेस्टमेंट स्कैम पर एक दिवसीय कार्यशाला

Ranchi news, Jharkhand news, Jharkhand latest Hindi news, latest news, Ranchi Hindi latest news : रांची के डोरंडा स्थित जैप-वन आॅडिटोरियम में मंगलवार को अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड एंड इन्वेस्टमेंट स्कैम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें केन्द्रीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र ने सहयोग किया। इसका उद्घाटन राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने किया।

डीजीपी ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें साइबर क्राइम के नये-नये आयामों को लेकर जानकारी दी जा रही है। लॉक चेंज, डार्क वेब जैसे साइबर फ्रॉड को लेकर अलग-अलग टेक्निकल सेशन है। इसमें पदाधिकारियों और दूसरे राज्यों से आये लगभग 250 पुलिस पदाधिकारी को जानकारी दी जा रही है। इसमें बाहर से आये ट्रेनर टेक्निकल जानकारी दे रहे है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यशाला से पुलिस पदाधिकारी साइबर अपराध के मामले का बेहतर तरीके से अनुसंधान कर सकेंगे। साथ ही, कार्यशाला से साइबर अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी।

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने कहा कि क्रिप्टो और चाइनीज लोन ऐप जरिये ठगी के मामले देशभर से सामने आ रहे हैं। विडम्बना यह है कि आज भी 95 प्रतिशत लोग क्रिप्टो क्या है, इसमें निवेश कैसे किया जाता है यह जानते ही नहीं हैं, लेकिन वे लालच में आकर निवेश कर देते हैं और कभी-कभी बड़ी ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे शातिर साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस भी खुद को अपग्रेड कर रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड सीआईडी के की ओर से क्रिप्टो और चाइनीज ऐप के जरिए ठगी के मामलों से निपटने के लिए पांच राज्यों के पुलिस अफसरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

अनुराग गुप्ता ने बताया कि क्रिप्टो और चीनी लोन ऐप के जरिए बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है। सबसे अहम बात यह है कि ठगी के पैसे देश से बाहर जा रहे हैं। करोड़ों रुपये के फ्रॉड देश भर में क्रिप्टो और चाइनीज ऐप के जरिये किये जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि पुलिस अफसर भी ऐसे मामलों में जांच में दक्ष हों। पुलिस अफसरों को ट्रेंड करने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोआॅर्डिनेशन सेंटर के अधिकारियों और बेंगलुरु की दो आईटी कम्पनी से एक्सपर्ट्स को रांची बुलाया गया है। बेंगलुरु की कम्पनी की ओर से क्रिप्टो के लिए साइबर टूल्स डेवलप किया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस अफसरों को क्रिप्टो में कैसे मनी मूव करता है, क्रिप्टो का ईको सिस्टम कैसे काम करता है, क्रिप्टो का डिजिटल फुटप्रिंट कैसे निकालें, इन मामलों की जानकारी दी जा रही है। सबसे खास बात यह है कि इस बार की ट्रेनिंग में 47 असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर भी भाग ले रहे हैं। सीआईडी डीजी ने बताया कि क्रिप्टो एक तरह का डिजिटल शेयर है। लेकिन, इसे रिजर्व बैंक की मान्यता नहीं है। केन्द्र सरकार ने क्रिप्टो पर टैक्स लगा दिया है, तो यह भी ग्रे एरिया में आ गया है। इसको आप लीगल भी नहीं कह सकते और न ही अवैध ह ।लेकिन अभी तक क्रिप्टो का ईको सिस्टम चालू नहीं हुआ है। इसलिए इसमें ठगी हो रही है।

अनुराग गुप्ता ने बताया कि सीआईडी की टीम को मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। झारखंड में क्रिप्टो के जरिये एक करोड़ को ठगी करनेवाले शख्स को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया गया है। इसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी की गयी, आरोपी ताइवान में छुपा हुआ था।

इस मौके पर गृह मंत्रालय के एसीपी जितेन्द्र सिंह एडीजी संजय आनंद लाटकर, आईजी एवी होमकर, असीम विक्रांत मिंज, एसपी एस कार्तिक, अनुरंजन किस्पोट्टा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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