– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

अग्नि के समक्ष लिये गये सात फेरों को ही वैवाहिक मान्यता  : इलाहाबाद हाईकोर्ट 

8ffb3518 f587 47f0 8e26 96c4789dd0f6

Share this:

Prayagraj news, UP news, Uttar Pradesh news :  रीति-रिवाजों के साथ हुए विवाह समारोह को ही कानून की नजर में वैध विवाह माना जा सकता है, अथवा विवाह अमान्य कहलायेगा। यह बात इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कही है। सनातन धर्म के अनुसार होनेवाली शादियों में सात फेरों को लेकर माननीय न्यायालय ने यह विशेष टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि वर-वधू को अग्नि के समक्ष लिये गये सात फेरों को मान्यता दी जायेगी। दरअसल, हाइकोर्ट ने मिर्जापुर की स्‍मृति सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। जस्टिस संजय कुमार सिंह ने विशेष टिप्पणी करते हुए अपना यह निर्णय सुनाया है।

आखिर क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्मृति सिंह की शादी 2017 में सत्यम सिंह के साथ हुई थी। रिश्तों में आयी कुछ कड़वाहट ने स्मृति को ससुराल छोड़ने पर विवश कर दिया। स्मृति ने अपनी ससुराल के लोगों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसके लिए उसने प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद पति और ससुरालवालों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद सत्यम ने अपनी पत्नी पर दो विवाह का आरोप लगाते हुए बड़े पुलिस अधिकारियों को आवेदन लिखा। इस आलोक में अधिकारी सदर, मिर्जापुर ने आवेदन की जांच की और स्मृति के खिलाफ दो विवाह करने के आरोप झूठे पाये। सत्यम ने 20 सितम्बर, 2021 को अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। उसने आरोप लगाया था कि उसने अपनी दूसरी शादी की स्वीकृति दे दी है। 21 अप्रैल 2022 को मिर्जापुर के मजिस्ट्रेट ने स्मृति को तलब किया था। इसके बाद स्‍मृति सिंह ने हाई कोर्ट का रुख किया। इसी संदर्भ पर हाई कोर्ट ने 05 अक्टूबर को यह निर्णय सुनाया है। स्मृति इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय से बहुत खुश हैं।

Share this:




Related Updates


Latest Updates