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बैंक धोखाधड़ी में सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 लोगों को सुनायी जेल की सजा

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National top news, new Delhi top news, national news, national update, national news : केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इंदौर (मध्य प्रदेश) के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने 08 करोड़ एक लाख के बैंक धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सहित 14 लोगों को कैद की सजा सुनायी है। इन सभी पर जुर्माना भी लगाया है।

सीबीआई ने ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स, इंदौर की शिकायत पर 30 मार्च, 2011 को ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स, स्नेह नगर, शाखा, इंदौर के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक नरेश कुमार ग्रोवर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मेसर्स व्यंकटेश्वर ट्रेडर्स, इंदौर के मालिक कैलाश यादव और 14 अन्य पर आरोप है कि एनके ग्रोवर अन्य आरोपितों के साथ मिल कर 07 फर्मों को जाली वेयर हाउस रसीदों के विरुद्ध 8.1 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत की थीं। सीबीआई जांच में ऋण व सीसी सुविधा के बदले सुरक्षा के रूप में गिरवी रखी गयी भूमि के रिकॉर्ड भी झूठे व जाली पाये गये। जांच के बाद सीबीआई ने अभियुक्तों के खिलाफ 09 अलग-अलग आरोप पत्र दायर किये थे।

तत्कालीन मुख्य प्रबंधक एनके ग्रोवर को पांच साल के कठोर कारावास और कुल 99,000 जुर्माने की सजा

अदालत ने ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स, स्नेह नगर, शाखा, इंदौर के  तत्कालीन मुख्य प्रबंधक एनके ग्रोवर को पांच साल के कठोर कारावास और कुल 99,000 जुर्माने की सजा सुनायी है। इस मामले में मोहन यादव (निजी व्यक्ति) को कुल 90,000/- जुर्माने के साथ पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। इस मामले में मेसर्स व्यंकटेश्वर ट्रेडर्स इंदौर के मालिक कैलाश यादव ,मेसर्स माधव ट्रेडर्स इंदौर के मालिक संदीप यादव, मेसर्स श्री नाथ ट्रेडर्स इंदौर के मालिक मनमोहन यादव, मेसर्स श्रीराम ट्रेडर्स इंदौर के मालिक दीपक यादव, मेसर्स चौधरी ग्रेन मर्चेंट इंदौर के मालिक राकेश चौधरी और मेसर्स गणेश मार्केटिंग इंदौर के मालिक अनिल पटेल को 15000-15000 रुपये के जुर्माने के साथ पांच-पांच साल की सजा सुनायी है। मेसर्स सांवरिवा ट्रेडर्स इंदौर की प्रोपराइटर रजनी यादव को 9,000/-रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की सजा सुनायी है।

बैंक के धन की हेराफेरी में यूनियन बैंक प्रबंधक को पांच साल की कैद, 10 लाख 76 हजार जुर्माना

इधर, बैंक के धन की हेराफेरी मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश, चेन्नई (तमिलनाडु) की अदालत ने शुक्रवार को यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के तत्कालीन प्रबंधक के. भास्कर राव को 10.76 लाख रुपये के जुर्माने के साथ पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी है। अदालत ने उनकी पत्नी के शैलजा को 37,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की सजा सुनायी है। जांच के बाद सीबीआई ने 09 अगस्त, 2010 को आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपितों को दोषी करार दिया।

31 जून, 2009 को दर्ज किया गया था मामला

सीबीआई ने 31 जून, 2009 को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007-09 के दौरान यूनियन बैंक आफ इंडिया, सोकार्पेट शाखा, चेन्नई में प्रबंधक के रूप में और शाखा के अग्रिम विभाग की देखभाल करते हुए उन्होंने बैंक के साथ धोखाधड़ी की और बैंक के धन की हेराफेरी की। उन्होंने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अलग-अलग तौर-तरीके अपनाये और अपनी यूजर आईडी और बैंक के अन्य अधिकारियों की यूजर आईडी का उपयोग करके बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में प्रविष्टियों में हेरफेर किया। आरोपित ने जमा राशि के बदले फर्जी ऋण बना कर निष्क्रिय एसबी खातों को फिर से सक्रिय करने जैसे अनधिकृत लेन-देन भी किये और अपने और अपनी पत्नी के नाम पर शेयरों पर विभिन्न निवेश कम्पनियों के साथ पैसा निवेश किया। इससे बैंक को 4,10,81,000/- रुपये का नुकसान हुआ। बैंक द्वारा 3,12,32,000/- रुपये की वसूली की जा चुकी है और 98,49,000 रुपये की राशि बकाया थी।

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