– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

Dhanbad: चुनावी जंग में धनबाद से उतरी ग्रेजुएट ट्रांसजेंडर सुनैना सिंह भी चुनावी मैदान में, जानें क्या कहा

IMG 20240403 WA0011

Share this:

Dhanbad news: कोयलांचल में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. एक ओर जहां भाजपा अपने  बाघमारा विधायक को लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित कर उनके लिए वोट मांग रही है. वहीं भले इंडिया गठबंधन ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया हो पर चुनाव में इस बार थर्ड जेंडर की एंट्री ने सबको चौंका कर रख दिया है. थर्ड जेंडर कोयलांचल संघ के अध्यक्ष भी अब सियासी जंग में अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतर चुके हैं.

थर्ड जेंडर की भी होगी भूमिका

दरअसल, वर्तमान राजनीति में थर्ड जेंडर की भागीदारी शून्य है. जबकि एक समय ऐसा था जब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक और महापौर मध्य प्रदेश से निर्वाचित हुए थे. ट्रांसजेंडर कमला बुआ और शबनम मौसी के प्रतिनिधि बनने के बाद से ही देश में एक नई राजनीति की शुरुआत हुई थी. इन दोनों ही ट्रांसजेंडर ने समाज को समता, समानता का संदेश दिया था. लेकिन बदलते वक्त ने थर्ड जेंडर को राजनीति से बाहर कर दिया. पर इस बार झारखंड के कोयलांचल में थर्ड जेंडर की चुनावी मैदान में दावेदारी ने इनके समाज में जान फूंक दी है.

मजबूती से खड़ी हैं सुनैना

कोयलांचल के थर्ड जेंडर संघ की जिला अध्यक्ष सुनैना सिंह इस बार लोकसभा चुनाव में उतरी हैं. कल तक जिनके हाथ सभी को दुआएं देने के लिए उठा करते थे, आज उसी हाथ के साथ सुनैना मजबूती के साथ खड़ी हैं. ट्रांसजेंडर समाज अपनी अध्यक्ष सुनैना सिंह राजपूत के लिए वोट मांग रहा है. सुनैना की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने ग्रेजुएशन पी के राय मेमोरियल कॉलेज से की है. उनका लालनपोषण झारखंड ट्रांस जेंडर संघ की प्रदेश अध्य्क्ष छमछम देवी ने की है.

शुरू से ही करती हैं समाज सेवा

सुनैना बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई और समाज सेवा में ध्यान देती रही हैं. सुनैना किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. कोविड-19 के दौरान वे अपनी टीम के साथ समाज सेवा में लगी रहीं. वे जिले के स्टेशन और बस स्टैंड के आस पास जो सड़क पर ठेला लगाने वाले, कूड़ा बीनने वाले, भिखारी, गरीब और कमजोर समूह के लोगों को दो साल तक दो टाइम मुफ्त भोजन दिया करती थीं. सुनैना कहती हैं कि जो धनबाद देश को ऊर्जा देता है वह खुद अंधेरा में है.

क्या हैं चुनावी मुद्दे?

धनबाद रेल मंडल देश का दूसरा सबसे कमाऊ रेल मंडल है. पर यहां के लोगों को दिल्ली, मुंबई या दक्षिण जाने के लिए आजतक डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिली है. एयरपोर्ट और एम्स जैसे बड़े अस्पताल धनबाद से देवघर चला गया, पर जनप्रतिनिधि मौन रहे. इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर वह चुनावी मैदान में उतर रही हैं.

दूसरों के भले के लिए लड़ रही हैं चुनाव

सुनैना सिंह के मुताबिक, आजादी के 75 साल बाद भी ट्रांस समुदाय के सदस्यों से किनारा किया जाता है. अब तक उनके लिए किसी पार्टी ने कुछ नहीं किया. अपने परिवार के सदस्यों से वर्षों तक उपहास झेलने के बाद भी सुनैना अपने जैसों और मिडिल क्लास फैमिली के सपोर्ट से चुनावी मैदान में कूदने जा रही हैं. राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों के आगे सुनैना जनता को ही अपनी पार्टी मानकर चुनाव लड़ेंगी. सुनैना कहती हैं कि राजनीति में आने के बाद ज्यादातर लोग भाई-भतीजावाद करते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रांस का कोई भाई-भतीजा नहीं होता, हम हमेशा दूसरों का भला चाहते हैं.

अभी तक चुनावी मुकाबले में सुनैना और ढुल्लू ही हैं आमने-सामने।

Share this:




Related Updates


Latest Updates