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द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र सोरेन ने पत्रकारों की समस्याओं को लेकर कल्पना सोरेन से की मुलाकात

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पत्रकारों की समस्याओं से अवगत हुईं कल्पना, पत्र के माध्यम से समस्याओं के समाधान कराने को लेकर पहल करने का अध्यक्ष ने किया आग्रह

Ranchi news : द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल सोरेन ने पत्रकार और पत्रकारिता हित से जुड़े मुद्दों को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पत्नी विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन से मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों की समस्याओं से संदर्भित एक मांग पत्र कल्पना सोरेन को सौंपा। कल्पना अभी हाल ही में गांडेय विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुई हैं। अपने पत्र में प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने सर्वप्रथम गांडेय विधानसभा से निर्वाचित होने पर कल्पना सोरेन को बधाई दी है। विधायक के रूप में राजनीति में नयी पारी की शुरुआत करने को लेकर उन्होंने अपनी शुभकामनाएं भी दी हैं।
इसके उपरांत अपने पत्र में सुरेन्द्र सोरेन ने कहा है कि कुछ विषयों की जानकारी वह विधायक को झारखंड के पत्रकार समूह की ओर से देने के निमित्त पत्र लिख रहे हैं। ताकि, उनका समुचित समाधान हो सके। पत्र में उन्होंने 09 बिन्दुओं पर कल्पना सोरेन का ध्यान आकृष्ट कराया है।

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पत्र में इन 09 बिन्दुओं को दर्शाया गया है…

  1. द रांची प्रेस क्लब की परिसम्पत्ति सरकार से अहस्तांरित हैं। कृपया, इसकी कागजी कार्रवाई पूरी करने के निर्देश सम्बन्धित पदाधिकारी को दिया जाये।
  2. देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर रांची प्रेस क्लब को भी बार का लाइसेंस 1 रुपये की टोकन मनी पर देने की कृपा करें।
  3. विगत कई वर्षों से पत्रकारों के जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा की प्रक्रिया चल रही है, जो अब तक अधूरी है। लगभग डेढ़ सौ पत्रकारों ने इसके लिए सरकार के पास राशि भी जमा कर दी है, लेकिन अब तक इस योजना का लाभ पत्रकारों को नहीं मिला है।
  4. पूर्व की सरकार ने राज्य में पत्रकारों के लिए अन्य राज्यों की भांति पेंशन योजना आरम्भ की थी। आपकी सरकार ने इसे बंद कर दिया है।
  5. पत्रकारों के लिए आवासीय कॉलोनी बनाने की प्रक्रिया आरम्भ की जाये। ऐसी सुविधा अन्य राज्यों में भी उपलब्ध है।
  6. एक माह पूर्व से पत्रकारों के झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट बिल्डिंग व नेपाल हाउस) में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी है, जो अलोकतांत्रिक निर्णय प्रतीत होता है। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी पत्रकारिता में यह बाधा है। मंत्रालय में ईडी की छापेमारी के बाद यह कदम उठाया गया है। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन आचार संहिता और आप सबों के चुनाव में व्यस्त रहने के कारण इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा सकी। कृपया, इस प्रतिबंध को हटाया जाये और पत्रकारों को मंत्रालय में पूर्व की भांति आने-जाने दिया जाये।
  7. आपकी लोकप्रिय सरकार को अपनी योजनाएं मीडिया से साथ साझा करने के लिए एक प्रवक्ता (वरिष्ठ अधिकारी) प्रतिनियुक्त करना चाहिए, जो हफ्ते में एक दिन प्रेसवार्ता के जरिये मीडिया से बात करे। प्रत्येक माह प्रत्येक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया के साथ अपने विभाग की उपलब्धियां साझा करें।
  8. निदेशक व सचिव स्तर के अधिकारी के चैंबर के बाहर जनता से मुलाकात का वक्त लिखा होता है (हालांकि यह प्रचलन घटता जा रहा है)। उसी प्रकार प्रेस-मीडिया से मुलाकात का समय भी निश्चित होना चाहिए।
  9. राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग दशकों पुरानी है। समय-समय पर विधानसभा में माननीय विधायकों ने इसकी मांग उठायी है। कृपया, इस ओर भी मौजूदा सरकार से सकारात्मक पहल करायें।
    सुरेन्द्र लाल सोरेन ने कल्पना सोरेन से आग्रह किया है कि उपरोक्त सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अपनी ओर से इस पर सार्थक पहल करने का कष्ट करें।

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