– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

भाजपा से राजपूत समाज को एक भी टिकट नहीं मिलने से क्षत्रिय नाराज, 29 मार्च को बुलाई आपात बैठक

IMG 20240325 WA0042

Share this:

Breaking news, Ranchi news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand update : देश में होने वाले आम चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने टिकट का बंटवारा शुरू कर दिया है। दल चाहे कोई भी हो उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक जातीय और सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश हो रही है. टिकट बंटवारे के बीच झारखंड में क्षत्रिय समाज में नाराजगी और असंतोष का आलम है. दरअसल झारखंड में NDA के द्वारा 14 लोकसभा सीट के लिए घोषित उम्मीदवारों की सूची में क्षत्रिय समाज का प्रतिनिधित्व शून्य है.

भाजपा के प्रति राजपूत सामाज में नाराजगी

भाजपा ने 13 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है,  जबकि आजसू के हिस्से वाली एक सीट का उम्मीदवार कौन होगा ये सब जानते हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि धनबाद से लगातार तीन बार के सांसद पीएन सिंह और चतरा से दो बार के सांसद सुनील सिंह का ना सिर्फ भाजपा ने टिकट काटा है, बल्कि इन दोनों सीट से क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधित्व पर भी NDA कोटे से विराम लगा दिया है. चतरा से भूमिहार जाति से नाता रखने वाले कालीचरण सिंह को मौका दिया गया है। वहीं धनबाद से बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजर आएंगे.

अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के अंदर इसको लेकर काफी आक्रोश और असंतोष है. समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा है कि नाराज लोगों का लगातार फोन आ रहा है. भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए 29 मार्च को आपात बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में अगले कदम को लेकर निर्णय लिया जाएगा. राज्य में क्षत्रिय समाज की आबादी 7 प्रतिशत से ज्यादा है. सिंह ने कहा है कि वर्तमान स्थिति के लिए समाज खुद कितना जिम्मेदार है, इसका आत्म चिंतन करने की जरूरत है.

क्षत्रिय त्याग, बलिदान और सेवा के लिए जाना जाता है

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कैबिनेट में भी क्षत्रिय समाज का कोई प्रतिनिधि नहीं है. अब लोकसभा में टिकट नहीं देकर क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधित्व को खारिज करने की कोशिश हो रही है. कुल मिलाकर भाजपा के इस स्टैंड से झारखंड के क्षत्रिय समाज में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. कहीं यह फैसला भाजपा को झारखंड में पीछे ना धकेल दे। 

Share this:




Related Updates


Latest Updates