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New Danger : बड़ा खतरा, अब हिरणों को बीमार बनाने लगा कोरोना वायरस, इंसानों से हिरना में हो रहा संक्रमण 

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Global News, America, Health Alert, New Danger From Coronavirus : पूरी दुनिया के लिए नया हेल्थ अलार्म। हर तरह से सुरक्षित रखने की जरूरत। अब शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह कोरोना वायरस हिरणों को भी बीमार कर रहा है। अमेरिका में COVID-19 पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां के सफेद पूंछ वाले हिरणों में कोविड-19 पाया जा रहा है और यह इन्हें इंसानों से ही मिला है।

फिर लौट सकता है इंसानों में

अमेरिका के ओहियो में सफेद पूंछ वाले हिरण कोरोना का शिकार हो रहे हैं। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी ने इसकी खोज की है। इंसानों के बाद अब COVID-19 वायरस ने जानवरों को शिकार बनाना शुरू कर दिया है। यहां पर खतरा इस बात का भी बढ़ जाता है कि अगर वायरस अभी भी अपना संक्रमण जानवरों के माध्यम से फैलाता जा रहा है, तो यह इंसानों में दोबारा लौट सकता है। और उससे भी ज्यादा खतरा ये कि अगर यह दोबारा लौटता है तो कई बदलावों के साथ लौटेगा, क्योंकि ये तेजी से म्यूटेट करता है और नया वेरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

वैज्ञानिकों के समझ से परे है यह ट्रांसमिशन

Nature Communications में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, वैज्ञानिकों ने ओहियो में घूम रहे 1522 हिरणों से सैम्पल लिया। यह नवंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच किया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि इनमें से 10% से ज्यादा सैम्पलों में कोरोना वायरस मौजूद था। इनमें से ज्यादातर इंफेक्शन इन्हें इंसानों से मिले थे। स्टडी से जुड़े प्रोफेसर एंड्रू बोमन का कहना है कि यह ट्रांसमिशन उनकी समझ से बाहर है।

6 से 9 महीने रह सकता है संक्रमण

Time की एक रिपोर्ट कहती है कि हिरण SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित नहीं होते हैं, जैसा कि इंसान होते हैं। वहीं प्रोफेसर बोमन का विश्लेषण दिखाता है कि हिरण SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, और यह संक्रमण उनमें 6 से 9 महीने तक भी रह सकता है। यहां पर डर इस बात का पैदा हो जाता है कि 6 या 9 महीने वायरस को रहने के लिए एक घर मिल जाता है, और यहां पर वह रेप्लिकेट करेगा, म्यूटेट करेगा और फिर दोबारा से इंसानों में फैल सकता है। यहां पर मनुष्यों और जानवरों में परस्पर होने वाले संक्रमण के बारे में जो सोच या जानकारी थी, इस खोज ने उसे कमजोर साबित कर दिया है। इसलिए कोविड-19 से अभी भी सावधान रहने की बात वैज्ञानिकों ने कही है।

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