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बांस करिल आदिवासियों की एटीएम, इसकी सब्जी स्वादिष्ट ऐसी कि चाटते रह जाएंगे उंगलियां

bas karil

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बब्लू खान

Latehar news : झारखंड का लातेहार जिला विविधताओं से भरा पड़ा है। ये विविधता सिर्फ संस्कृतियों में नहीं, बल्कि खान-पान में भी दिखती है. बात करें लातेहार की तो इस जिले को प्राकृतिक साग सब्जी और फल का टोकरी कहा जाता है. पारंपरिक तौर पर यहां उड़द दाल और चावल से बने धुष्का के पीठा, छिलका जैसे अनेकों व्यंजन हैं, जो पहले से प्रसिद्ध हैं, लेकिन एक ऐसी सब्जी है, जो सिर्फ बरसात में ही मिलती है और इस पर झारखंड में पाबंदी भी है.

लातेहार में इस सब्जी को लोग बड़े चाव से खाते हैं. खास बात यह है कि यह सब्जी सिर्फ बरसात में ही मिलती है. यही वजह है कि कई बार इसका दाम 450  रुपये किलो से भी अधिक हो जाता है. फिलहाल झारखंड में इसको तोड़ते और या बेचनपर जेल जाने की नौबत भी आ सकती है. इस अद्भुत सब्जी का नाम करील है. जिसे मानसून के समय बांस के पेड़ों से प्राप्त किया जाता है.

ग्रामीण आदिवासियों के लिए यह एटीएम है

लातेहार जिले में ग्रामीण किसान  आदिवासियों के लिए एक प्रकार का एटीएम ही है. चूंकि बारिश के सीजन में धान का रोपा लगने के बाद गांवों में न तो कोई काम होता है और न ही किसी प्रकार से कोई आय का जरिया होता है. ऐसे में यह बांस कारिल आदिवासियों के लिए किसी एटीएम से कम नहीं है.  ग्रामीण किसान आदिवासी जंगल जाकर प्रतिदिन इसे इकट्ठा कर लाते हैं और अच्छे दाम पर शहरों में बेच आते हैं. । रांची  लातेहार मेदनीनगर मार्ग में आपको करीब किसान आदिवासी बांस करिल बेचते हुऐ  रोड के किनारे आपको दिख जाएंगे लोग बड़े चाव से इसे खरीदते हैं। आते जाते राहगीर मुश्फिर  अपनी गाड़ी को रोक कर खरीदारी करते हैं। इसलिए यह कहना बिल्कुल भी अतिश्योक्ति नहीं होगा कि यह बांस बारिश के मौसम में ग्रामीण किसान आदिवासियों के लिए किसी एटीएम से कम नहीं है.।

डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद : डॉ मनोज

प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ मनोज कुमार कहते हैं कि बांस की सब्जी  भूंजिया खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और फ्लू की समस्या से बचाव होता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बांस, शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करने में मददगार है। बांस की सब्जी में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए बवासीर में इसे खाया जा  सकता है। बांस की सब्जी, हाई कोलेस्ट्रोल के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।

करील को खाने के बहुत है फायदे : डॉक्टर सरिता

प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर  सरिता एक्का ने बताया कि इस सब्जी की खास बात यह है कि इसमें आपके स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के साथ अनेकों विटामिन हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं. बांस की नन्ही कोपलों में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन बी 6, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, पोटेशियम, सल्फर, सेलेनियम और आयरन जैसे पोषक और खनिज तत्व पाए जाते हैं. बांस में फोलिक एसिड भी होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. इसमें पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल कैंसर से बचाव करता है. हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है.

गृहणी माटिल्डा कुजूर बोली – इसका व्यंजन स्वादिष्ट

बांस करिल का इंतजार हमें एक साल से रहता है,  तब जाकर हमें बांस करिल मिलता है। और हम लोग बांस करिल के पकोड़े मुरब्बा अचार छिलका भुजिया एवं सब्जी बनाते हैं जो खाने में बेहद ही स्वादिष्ट होते है। इसके आचार कई सालों तक रखे जा सकते हैं।

एक साल करना पड़ता है इंतजार 

गृहणी मीना श्रीवास्तव ने कहीं-की बांस करील की सब्जी बेहद ही स्वादिष्ट लगती है और हम लोगों को एक साल से इसका इंतजार रहता है। इस बांस की सब्जी  को बनाने की और इसका अचार भी हम अपने घर पर ही बनाते हैं  भुजिया की तो बात ही नहीं पूछिए वह बेहद ही स्वादिष्ट लगती है बन जाने पर

मां बांस करिल की अचार बनाकर रखती : परवेज

महुआडांड निवासी परवेज आलम ने कहा की बांस करिल की अचार बेहद ही स्वादिष्ट होती है मेरे घर में मेरी मां बांस  करिल की अचार बनाकर रखती है जिसे हम सालों भर खाते हैं। और पास करीम के मौसम में हमें पकौड़े और छिलके घर से मिलते हैं। खाने को जो बेहद ही स्वादिष्ट लगती है।

इसकी भुजिया और सब्जी की बात ही निराली : सतीश 

स्थानीय निवासी सतीश बताते हैं कि बांस करिल का सीजन एक से दो महीना ही रहता है साल में मात्र। बाजारों में बहुत काम की मात्रा में मिलता है। इस कारण शुरुआती दौर में  कीमत इसकी ज्यादा रहती है धीरे-धीरे यह कीमत कम होती है तब हम लोग इसे लेकर घर में आचार बनवाते हैं। जिसे हम सालभर खाते है। वैसे इसकी भुजिया और सब्जी की बात ही निराली है।

बांस के बने हैंडीक्राफ्ट की काफी ज्यादा डिमांड

बांस के बने हैंडीक्राफ्ट की मार्केट में काफी ज्यादा डिमांड है। ये चीजें दिखने में इतनी खूबसूरत होती है कि हाथों हाथ बिक जाती है।सरकार नेशनल बम्बू मिशन के तहत लोगों को बांस की खेती के लिए जागरूक कर रही है। सरकार द्वारा बांस की कटाई पर रोक लगाने से बंसोड़ जाति के लोगों को महंगे दामों में बांस खरीदना पड़ता है या सूखा बांस काम चलाना पड़ता है। सूखे बांस को पानी में डुबोकर उसे काम में लेने लायक बनाना शुरू किया।

नितिन गडकरी ने लॉन्च की थी बांस की बोतल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान बांस से बनी बोतल को लॉन्च की थी। गडकरी ने इस व्यवसाय को लेकर अपर संभावनाएं बताई। पर्यावरण के अनुकूल बांस की बोतल की क्षमता कम से कम 750ML की होगी, जिसकी कीमत 300 रुपए से शुरू होगी।

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