National news, High court news, ajab gajab, husband-wife quarrel : यह आपको सुनने में आश्चर्य भले ही लगे, पर है 16 आना सच। अपने बच्चे का नाम रखने को लेकर उसके माता-पिता के बीच ऐसी तकरार हुई कि इस मामले में कोर्ट को न सिर्फ हस्तक्षेप करना पड़ा, बल्कि बच्चे का नाम तक लिखना पड़ा। यह मामला केरल का है। आइये और जानें…
कोर्ट ने बच्चे के अधिकार को सर्वोपरि मान किया न्याय
हाई कोर्ट बाप के बजाय बच्चे के अधिकार को वरीयता दी जाती है और उसी को ध्यान में रखा जाता है। बच्चा पैदा होने के बाद नाम रखने को लेकर उसके मां और बाप के बीच झगड़ा हो गया, जब बच्चा स्कूल जाने लायक हुआ और स्कूल ने बिना नाम का बर्थ सर्टिफिकेट लेने से इनकार कर दिया। अब पत्नी ने कुछ और नाम बताया और पति ने दूसरा नाम, इसी को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। आखिर में कोर्ट को इसमें देखल देना पड़ा।
पुण्य नायर, नहीं-नहीं पद्म नायर, ओह नो… पुण्य बालगंगाधरन नायर
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि माता-पिता का यह झगड़ा सुलझने में समय लग सकता है और यह बच्चे के लिए ठीक नहीं है। हाई कोर्ट ने इस केस में पैरेंट्स पैट्रिया अधिकार का इस्तेमाल किया और बच्चे का नामकरण किया। कोर्ट ने नाम रखते समय बच्चे के परिवार के सांस्कृतिक विचार और माता-पिता के हितों का भी ध्यान रखा। दरअसल, मां बच्चे का नाम पुण्य नायर रखना चाहती थी, जबकि पिता पद्म नायर रखना चाहते थे। अंततः कोर्ट ने बच्चे का नाम पुण्य बालगंगाधरन नायर या पुण्य बी नायर रख दिया।