एक्शन में योगी सरकार : उत्तर प्रदेश में संपत्ति कुर्क करने के कानून में हुआ बदलाव
Lakhnaw News, up news : प्रदेश में अब अपराधियों से कुर्की के जरिए अर्जित संपत्ति और आय को जब्त कर पीड़ितों में बांटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डीजीपी ने सभी जिलों के एसएसपी, एसपी और पुलिस कमिश्नरों को इस संबंध में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी है। इस निर्देश के अनुसार, माफिया और अपराधियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति पुलिस जब्त करेगी। जब्त की गई संपत्ति को अदालत के आदेश पर कुर्क किया जाएगा। कुर्की से मिलने वाली संपत्ति को पीड़ितों में वितरित किया जाएगा।
आदेश के अनुसार, संबंधित जिले के डीएम दो महीने के भीतर जब्त संपत्ति की नीलामी करेंगे और उससे प्राप्त आय को अपराध से प्रभावित लोगों में बांटेंगे। अब गैंगस्टर ऐक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के बिना भी पुलिस काली कमाई जब्त या कुर्क कर सकेगी। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 107 के तहत विवेचक को अपराध से जुड़ी या जुटाई गई संपत्ति के अधिग्रहण या कुर्की का अधिकार मिल गया है।
इससे पहले अपराध से जुड़ी रकम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अर्जित की गई संपत्ति के अधिग्रहण या कुर्की का अधिकार दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में नहीं था। सिर्फ गैंगस्टर ऐक्ट या पीएमएलए के तहत ही यह कार्रवाई हो सकती थी।
डीजीपी मुख्यालय ने ऐसी संपत्तियों को जब्त या कुर्क करने के संबंध में विशेष मानक प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। विशेष मानक प्रक्रिया के मुताबिक यदि विवेचना के दौरान विवेचक को यह पता चलता है कि अभियुक्त ने अपराध से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संपत्तियां जुटाई हैं, तो वह पुलिस कप्तान या कमिश्नर के अनुमोदन के बाद कोर्ट में प्रार्थना पत्र देगा।
इससे पहले विवेचक को यह पता करना होगा कि संपत्ति अपराध की आय से किस तरह जुड़ी हुई है। साथ ही अभियुक्त के आय स्रोत, आयकर रिटर्न, खरीदी गई संपत्ति के भुगतान के तरीकों की भी जानकारी हासिल करनी होगी।