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इजरायल पर 9/11 जैसा हमला करने वाला था हमास, लेकिन पीछे हट गए आतंकी

इजरायल पर 9/11 जैसा हमला करने वाला था हमास, लेकिन पीछे हट गए आतंकी

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हिजबुल्लाह और ईरान से मदद मिलने में देरी के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया

Berut news : हमास के एक हमले के जवाब में इजरायल ने आतंकियों के गढ़ गाजा और राफा को श्मशान बना दिया है। कम से कम 44 हजार लोग मार डाले। इस भीषण नरसंहार से पहले हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर इजरायल पर विनाशकारी हमला किया था। यह हमला इतना भयावह था कि महज 20 मिनट में 5 हजार मिसाइलें दागी गईं। मिसाइलों की इतनी संख्या के कारण इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली आयरन डोम भी उसे रोकने में नाकाम रहा। नतीजन इस हमले में 1200 से ज्यादा लोग मारे गए और इसके बाद हमास ने सीमा पार करके सैकड़ों को बंधक बना लिया। 250 में से 100 बंधक अभी भी उसके कब्जे में हैं। जिन्हें इजरायल छुड़ाने की जद्दोजहद में है।

ऐन वक्त पर उसे प्लानिंग बदलनी पड़ी

ऐसी रिपोर्ट सामने आई है कि हमास ने 7 अक्टूबर से पहले इजरायल पर 9/11 जैसा हमले करने की योजना बनाई थी, लेकिन ऐन वक्त पर उसे प्लानिंग बदलनी पड़ी। 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास का इजरायल पर हवाई हमला न सिर्फ इजरायल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी उतना ही चौंकाने वाला था। इस हमले को लेकर हाल ही में सामने आए दस्तावेजों से पता चलता है कि इसकी योजना कई वर्षों से बनाई जा रही थी और इसे 2022 में ही अंजाम देने की योजना थी। हमास अमेरिका पर हुए 9/11 हमला जैसा करने की योजना बना रहा था।

कई अखबारों ने सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की है

द न्यू यॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स ने इसे लेकर सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, हमास इजरायल पर एक साल पहले ही हमला कर लेता, लेकिन हिजबुल्लाह और ईरान से मदद मिलने में देरी के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया। हमास इन दोनों की मदद से अतिरिक्त धन से अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना चाहता था। हमास नेताओं और ईरानी अधिकारियों के बीच हुई वार्ता से जुड़े दस्तावेजों से पता चलता है कि हमास की प्लानिंग 7 अक्टूबर जैसे भयावह नरसंहार से कहीं अधिक थी।

हमास का बिग प्रोजेक्ट

ऐसा पता चलता है कि जनवरी 2022 की शुरुआत में ही हमास एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन पर चर्चा कर रहे थे। जिसमें इजरायल में घुसकर उसके फेमस अजरीली टॉवर को 9/11 की तरह उड़ाने का विचार था। अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 में अमेरिका में दो विमानों का अपहरण किया और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में क्रैश कर दिया। इस हमले ने अमेरिका को हिला दिया था। जवाब में अमेरिका ने कुछ ही महीनों के भीतर अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान स्थित उसके ठिकाने पर मार गिराया। दो वर्षों तक हमास का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व इजरायल को तगड़ी चोट देकर बड़ा आघात करना चाहता था। इसके लिए उसने ईरान और हिजबुल्लाह के साथ 10 हाई लेवल की बैठकें भी की।

इजरायल के खिलाफ इस खतरनाक हमले की योजना में हमास नेता याह्या सिनवार के साथ शीर्ष कमांडर मुहम्मद डीफ, मारवान इस्सा और उसका भाई मुहम्मद सिनवार भी शामिल हुए। इसे लेकर आतंकियों के बीच बैठकें जनवरी 2022 में शुरू हुईं और अगस्त 2023 तक जारी रहीं। 2022 में एक शुरुआती बैठक के दौरान आतंकियों ने समय से पहले इजरायल के साथ तनाव बढ़ाने से बचने का फैसला किया।

क्यों टालनी पड़ी योजना?

हमास ने इजरायल पर हमले के लिए ईरान से वित्तीय और सैन्य सहायता भी मांगी

हमास ने इजरायल पर हमले के लिए ईरान से वित्तीय और सैन्य सहायता भी मांगी। जून 2021 की शुरुआत में, सिनवार ने ईरानी अधिकारियों को पत्र लिखकर 7 अक्टूबर के हमले के लिए वित्तीय सहायता मांगी थी। सिनवार ने कथित तौर पर लिखा, “हम आपसे वादा करते हैं कि आपका पैसा बर्बाद नहीं होने देंगे। हम इस पवित्र लक्ष्य को जरूर पूरा करेंगे” सिनवार ने शुरू में 10 मिलियन डॉलर की मदद मांगी। बाद में हमास ने दो वर्षों के लिए 500 मिलियन डॉलर की मांग की।

यह हमला शुरू में 2022 के अंत में होने वाला था, लेकिन हमास ने इसे एक साल से ज्यादा समय के लिए टाल दिया। दस्तावेजों के अनुसार, यह देरी मुख्य रूप से ईरान और हिज़्बुल्लाह से ज़्यादा मदद हासिल करने के चल रहे प्रयासों में देरी के कारण हुई।

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