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Health tips : कहीं आप भी मिर्गी के शिकार तो नहीं? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय 

Health tips : कहीं आप भी मिर्गी के शिकार तो नहीं? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय 

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Do you also have epileptic seizures? Know its symptoms and prevention measures, Epilepsy Symptoms, health tips, home remedy, health alert :  मिर्गी के दौरे पड़ना चिरकालिक असंक्रामक बीमारी है। इस बीमारी में दिमाग की गतिविधियां असामान्य हो जाती हैं। इस कारण व्यक्ति को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति असामान्य व्यवहार करने के साथ कभी- कभी चेतना भी खो देता है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर कुछ समय के लिए मरीज अनियंत्रित गतिविधि में भी चला जाता है। यानी कहने का मतलब है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का अपने ऊपर से पूरा नियंत्रण समाप्त हो जाता है। ऐसे में पूरा शरीर या शरीर के आशिंक हिस्से में असामान्य गतिविधि होने लगती है। कई बार इस स्थिति में बेहोशी आ जाती है। कभी-कभी आंतों अथवा ब्लेडर पर नियंत्रण भी खत्म हो जाता है। हर आयु, नस्ल समूह और जाति के लोग इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। वैसे हर दौरे को मिर्गी का दौरा नहीं कह सकते। कई बार तो शराब या अन्य नशीले पदार्थ के छोड़ने से भी स्वस्थ मस्तिष्क में दौरे पड़ सकते हैं। ब्लड सर्कुलेशन में गिरावट होने के करण भी ये दौरे पड़ते हैं। ऐसे में कभी-कभी पेनिक अटैक और बेहोशी आ सकती है।

क्यों आते हैं मिर्गी के दौरे, क्या हैं इसके कारण

गौरतलब है कि मिर्गी का जल्दी से इलाज कर पाना काफी मुश्किल भरा होता है। क्योंकि मिर्गी के दौरे अक्सर अप्रत्याशित व बिना कारण के पड़ते हैं। मस्तिष्क में जख्म या चोट, ऑटोइम्यून रोग, विकासात्मक विकृतियों, ब्रेन ट्यूमर, संक्रमण, स्ट्रोक तथा अनुवांशिक प्रवृत्तियों जैसी मुश्किल होने पर मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। मिर्गी के दौरों की तब तक पुष्टि नहीं होती, जब तक किसी व्यक्ति को एक या दो से ज्यादा बार दौरे ना पड़ जाएं।

मिर्गी के दौरे पड़ने के लक्षण

✓बोलने अथवा समझने में दिक्कत होना

✓अस्थायी रूप से एकदम बेहोश हो जाना

✓बार-बार दौरे पड़ना 

✓संवेदनों में बदलाव

✓शरीर का सुन्न महसूस होना

✓मांसपेशियों में बार-बार मरोड़ आना, आवाज कम हो जाना

✓मांसपेशियों का अनियंत्रित रूप से काम करना

✓दिल की धड़कन व श्वास लेने की गति बढ़ जाना

✓अस्थायी रूप से भ्रम होना, सोचने की शक्ति कम हो जाना। 

✓संचार और समझने में दिक्कत होना

✓हाथों और पैरों की गतिविधि में परिवर्तन

✓भय, चिंता या दहशत महसूस करना।

मिर्गी की जांच के लिए मेडिकल टेस्ट

✓इलेक्ट्रोएंसेफैलोग्राफी (ईईजी)

✓मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)

✓पोज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी)

✓कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन)

✓सिंगल-फोटॉन एमिशन कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी आदि हैं।

मिर्गी के दौरे का इलाज

मिर्गी आने के कारण नियंत्रण के बाहर हैं व अपरिहार्य हैं। पर इसका इलाज संभव है। बता दें कि मिर्गी का इलाज दवाइयों से शुरू होता है। लेकिन दवाओं से लाभ ना मिलने पर डॉक्टर सर्जरी अथवा अन्य तरह के इलाज का सुझाव भी दे सकते हैं।

भरपूर नींद लें 

मिर्गी के इलाज के साथ ही संबंधित व्यक्ति को अपनी जीवन शैली (Lifestyle) में कुछ सुधार करना आवश्यक है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त नींद जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि नींद कम लेने से मिर्गी के दौरे और बढ़ सकते हैं। वहीं अपनी रोजमरे की रुटीन में व्यायाम को भी शामिल करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आप स्वस्थ रहते हैं, बल्कि चिंता और तनाव भी काभी हद तक कम होता है।

संतुलित आहार लें

प्रत्येक व्यक्ति को अपनी डाइट में संतुलित भोजन लेना चाहिए, वेट कंट्रोल में रखना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा मदिरा एवं अन्य अवैध पदार्थों का सेवन ना करें इससे मिर्गी का दौर पड़ सकता है। 

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