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स्वस्थ मुख से सुखी जीवन

स्वस्थ मुख से सुखी जीवन

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डाॅ. आकांक्षा चौधरी 

healthy mouth happy life : फेडरेशन ऑफ वर्ल्ड डेंटल इंस्टीट्यूट द्वारा 2013 से प्रतिवर्ष विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस, जो कि 20 मार्च को मनाया जाता है, इसकी क़वायद शुरू हुई। यह दंत और मुख के स्वास्थ्य, उसके महत्त्व और मौखिक स्वास्थ्य के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए संकल्प लेता है। प्रतिवर्ष वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन एक नये अभियान की शुरुआत करता है और हर साल का एक उद्घोषणा पत्र प्रसारित किया जाता है, ताकि सभी देश की सरकारें, स्वास्थ्य संगठन और डेंटल सर्जन, स्टाफ़ एवं जनता इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकजुट होकर इस दिशा में काम कर सकें। साल 2024 का नारा है- “स्वस्थ मुख से सुखी जीवन”!

पूरे विश्व में लगभग 80-90% आबादी दांत व मसूड़े की बीमारियों से पीड़ित होती है। पायरिया, सांसों की दुर्गंध, दांतों में सड़न, असमय दांतों का टूटना, प्रीकैंसर सफेद मुख के छाले आदि कुछ प्रमुख रोग हैं, जिनकी रोकथाम या नियंत्रण के लिए 130 से ज़्यादा अग्रणी देश इस अभियान का हिस्सा हैं। 2013 से इन अभियानों में एक विशिष्ट विषय को नारे या उद्घोष के तौर पर चुना जाता है, जिनके शीर्षक निम्न वर्णित हैं –

2013 : स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ दांत

2014 : स्वस्थ मुंह के लिए ब्रश करें 

2015 : जीवन के लिए मुस्कुरायें

2016 : यह सब यहीं से शुरू होता है। स्वस्थ मुंह-स्वस्थ शरीर

2017 : लाइव माउथ स्मार्ट

2018 : आह कहें : मुंह के बारे में सोचें, स्वास्थ्य के बारे में सोचें

2019 : आह कहें : मुंह के स्वास्थ्य पर कार्य करें

2020 : आह कहें : मुंह के स्वास्थ्य के लिए एकजुट हों

2021–2023 : अपने मुंह पर गर्व करें 

2024 : स्वस्थ मुख से सुखी जीवन !

मुख के अस्वस्थ और अस्वच्छ लक्षण का जीवनशैली पर दुष्प्रभाव

दांतों और मसूढ़ों की ख़राब स्थिति कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सीधा या दूरगामी कारण बन सकती है, जिनमें कुछ घातक बीमारियों की चर्चा करते हैं…

क) चेहरे, कान और गर्दन का दर्द 

दांतों या दांतों के आस-पास के मसूढों में होनेवाले इन्फेक्शन, सड़न या संक्रमण की वजह से दांत, मसूढ़े या जबड़े की हड्डियों में संक्रमण या सूजन बहुत ही आम तकलीफ़ है। बहुधा लोग इससे प्रभावित होकर अपने दैनिक जीवन में परेशान रहते हैं। सही ढंग से खाते-पीते भी नहीं और संक्रमण के कान, नाक, साइनस या गर्दन के भागों में फैलने का भी खतरा रहता है।

ख) हृदय या आस-पास के अन्य प्रमुख अंगों का संक्रमण

दांतों या मसूढ़ों में होनेवाले स्ट्रेप्टोकोक्कल बैक्टीरिया जनित संक्रमण से दिल और दिल के अंदरूनी वाल्व्स में बैक्टीरियल एंडोकार्र्डायटिस नामक बीमारी हो सकती है। ज़रूरी नहीं कि यह संक्रमण साधारणतया हो, लेकिन यदा कदा जीभ के नीचे से एक सीधी धमनी के माध्यम से यह संक्रमण मरीज़ों में फैल सकता है और ह्रदय रोग में जानलेवा साबित हो सकता है।

ग) नवजात शिशुओं में संक्रमण

यदि गर्भवती महिला के मुख या मसूढ़ों में लम्बे समय से संक्रमण है, तो यह संक्रमण प्लासेंटा के माध्यम से नवजात शिशुओं में भी जा सकता है। कभी-कभी गर्भवती महिला का रक्तचाप इसकी वजह से बहुत बढ़ सकता है। कभी नवजात का समय से पहले प्रसव हो सकता है या नवजात कम वजन का और कमजोर भी हो सकता है।

मुख के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के कुछ अभ्यास

दंत चिकित्सक के पास नियमित रूप से जाने से बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होने से पहले ही देखभाल में समाप्त हो सकतीं हैं। वे कहते हैं – ” इलाज से बेहतर रोकथाम !” साथ ही, दांत व मसूढ़ों की बहुत सारी परिस्थितियों को देख कर दंत चिकित्सक मरीज की कई शारीरिक समस्याएं ; जैसे मधुमेह, रक्तचाप की शिकायत, कैल्शियम का शारीरिक स्तर, प्री कैंसर के लक्षण, कई ऑटो इम्यून डिसऑर्डर (लाइकेन प्लैनस, आर्थराइटिस आदि) के बारे में जानकारी दे सकते हैं, जो मरीज के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं।

कुछ नियमित मौखिक स्वास्थ्य अभ्यास, जो घर पर किये जा सकते हैं

– प्रतिदिन कम से कम दो मिनट के लिए सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश करना चाहिए।

– ⁠टंग क्लीनर, फ्लॉस, टूथ पिक को समयबद्ध तरीक़े से उपयोग किया जाना चाहिए और इनसे सम्बद्ध सलाह मशविरा डॉक्टर से लेना चाहिए।

– ⁠विटामिन ए, बी, सी युक्त स्वस्थ और संतुलित आहार खाना चाहिए।

– तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बचना चाहिए।

– तम्बाकू मुक्ति के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

– मधुमेह, हृदय की बीमारी, रक्तचाप आदि से ग्रसित मरीज़ों व चालीस साल की उम्र से पार लोगों को नियमित रूप से दंत चिकित्सक से मिलना चाहिए, ताकि आनेवालीं बीमारियों को हर सम्भव प्रयास से रोका जा सके।

इस तरह से हम स्वस्थ मुख से स्वस्थ जीवनशैली प्राप्त करने के उद्देश्य को पूरा कर सकेंगे।

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