पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल में भी राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है। ममता कैबिनेट में पुस्तकालय मंत्री और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के बंगाल चैप्टर के अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा, हमें कमजोर न समझें और हमारी परीक्षा न लें। इस मामले को लेकर गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतर कर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह सड़कों पर टायर जलाकर उग्र प्रदर्शन किया गया जिसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नाराजगी जताई है।
शांतिपूर्वक विरोध करने का आह्वान
चौधरी ने मुसलमानों से अपील की कि वे एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर नुपुर शर्मा की टिप्पणियों के खिलाफ राज्य में शांतिपूर्वक विरोध करें। उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों से लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की अपील करते हैं। हम सड़कों पर विरोध नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि लोग घरों में, मस्जिदों में विरोध करें, लेकिन लोग सड़कों को अवरुद्ध करके विरोध नहीं करें।
नूपुर शर्मा का बयान क्षमा करने योग्य नहीं
चौधरी ने यह भी कहा कि वे नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी से ”बेहद स्तब्ध” और ”दुखी” हैं। उन्हें नहीं लगता कि यह अपराध क्षमा योग्य है। हम सब्र रखने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। हमारी परीक्षा मत लो। मंतेश्वर से विधायक चौधरी ने केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों से किसी भी धर्म का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। ममता बनर्जी के कैबिनेट में मंत्री होने के बावजूद बंगाल जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी।