यूपी की नई आइपीएल टीम लखनऊ सुपर जाइंट्स ने मशहूर स्पिनर रहे नरेंद्र हिरवानी को स्पिन गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है। खेल जीवन में मध्य प्रदेश से खेलने वाले हिरवानी कोचिंग का श्रीगणेश होली के दिन यानी 18 मार्च से करने जा रहे हैं। फटाफट क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी निर्णायक मौकों पर अहम साबित हुई है। हरभजन सिंह, युवराज सिंह, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, युजवेंद्रा सिंह चहल जैसे देश के तमाम स्पिनरों को फिरकी के गुर सिखा चुके हिरवानी बताते हैं, ‘लखनऊ टीम युवा है और कप्तान केएल राहुल के नेतृत्व में सभी खिलाड़ी ऊर्जा से भरे हैं। मेरा काम अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना है। रेस में कार उन्हें ही चलाना होती है, कोच गूगल मैप की तरह होता है जो उन्हें सही रास्ता बताता है।”
टीम के सभी खिलाड़ी थे क्वारंटाइन में
लखनऊ सुपर जाइंट्स टीम के सभी सदस्य क्वारंटाइन हैं। एक-दूसरे से उसी खिलाड़ी की मुलाकात नहीं हुई है। फोन पर ही टीम की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई है। टीम के स्पिन विभाग में बड़े नाम न होने के बारे में पूछने पर वे कहते हैं, ‘बड़ा नाम नहीं, बड़ा काम होता है। टीम में शाहबाज नदीम, रवि बिश्नोई, कृष्णप्पा गौतम जैसे कई गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से भारतीय टीम में जगह बनाई है। पिछले मैचों में इनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। टीम में कई हरफनमौला हैं, जो बेहतर स्पिन गेंदबाजी करते हैं। आइपीएल ऐसा टूर्नामेंट है जहां अपना दिन होने पर प्रतिभाशाली गेंदबाज मैच का परिणाम बदल सकता है।”
छह साल से एनसीए को सेवाएं दे रहे हिरवानी
नरेंद्र हिरवानी कहते हैं कि मेरा जन्म गोरखपुर में हुआ है, लेकिन मुझे बतौर क्रिकेटर और कोच इंदौर ने तैयार किया। मैंने यहां अपने कोच संजय जगदाले से सीखा की कोचिंग में सिंपल चीजों पर ध्यान दो, क्योंकि यही सबसे कठिन होता है। हिरवानी पिछले छह साल से एनसीए में बतौर स्पिन कोच अपनी सेवाएं देते रहे हैं। हिरवानी लखनऊ के स्पोर्ट्स कालेज में रहे हैं, इसलिए लखनऊ फ्रेंचाइजी से उनका अलग जुड़ाव है।
शीर्ष स्तर की कोचिंग माइक्रो लेवल पर होती है
नरेंद्र हिरवानी बतौर स्पिन कोच अपनी जिम्मेदारियों के बारे में वे कहते हैं, ‘शीर्ष स्तर पर कोचिंग का तरीका बहुत माइक्रो लेवल पर होता है। किस जगह मैच हो रहा है, विकेट लाल मिट्टी का है या काली मिट्टी का, सामने वाली टीम में कौनसे बल्लेबाज हैं, हमारे किस गेंदबाज की क्या मजबूती और कमजोरी है। इन सब छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखते हैं। मानसिक मजबूती जरूरी है, इसलिए गेंदबाज को बल्लेबाज का दिमाग पढ़ना सिखाता हूं। मैं अपने विचार किसी गेंदबाज पर थोपता नहीं हूं, बल्कि चर्चा कर हल तलाशता हूं।”
पहले टेस्ट में हिरवानी ने लिए थे 16 लीटर
नरेंद्र हिरवानी ने अपने पदार्पण टेस्ट में ही 16 विकेट लेकर रिकार्ड बनाने वाले हिरवानी मानते हैं कि अब क्रिकेट बहुत बदल चुका है, इसलिए प्रशिक्षण का तरीका भी बदला है। अब खिलाड़ी फिटनेस को लेकर बहुत सजग हो गए हैं। पहले टीम में कुछ खिलाड़ी ही अच्छे क्षेत्ररक्षक होते थे, लेकिन अब सभी 11 खिलाड़ी समान रूप से बेहतर क्षेत्ररक्षण करते हैं।