Russia और Ukraine के बीच सीमा विवाद इस कदर गंभीर हो गया है कि यूक्रेन के बॉर्डर एरिया में रहने वाले लोगों के बीच दहशत फैल गई है। युद्ध की आशंका के कारण लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि बॉर्डर एरिया के लगभग 10 लाख लोगों ने घर छोड़ दिया है। ये रूस और पोलैंड में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं।
रूस ने खोल दिया है अपना बॉर्डर
जानकारी मिल रही है कि पूर्वी यूक्रेन में लगातार हो रहे बम धमाके के बाद वहां से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। लोग बस और गाड़ियों में सवार होकर पोलैंड बॉर्डर की ओर रुख करने लगे हैं। इन लोगों की संख्या करीब तीन लाख है इधर, अलगाववादियों के हमले को देखते हुए रूसी कब्जे वाले इलाके में रह रहे लगभग सात लाख लोग भी घर छोड़ सुरक्षित जगहों के लिए निकल पड़े हैं। इन लोगों को शरण देने के लिए रूस ने अपना बॉर्डर खोल दिया है। यूक्रेन के इन दोनों सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की कुल संख्या करीब 10 लाख है। इन लोगों को डर है कि यूक्रेन और रूस में युद्ध होने पर तबाही का पहला शिकार यही लोग बनेंगे। इसलिए ये लोग युद्ध शुरू होने से पहले अपनी जान बचाने में जुटे हैं।
400 सैनिक, 150 गाड़ियों की तैनाती
रूस ने अपने इलाके में इमरजेंसी लगाई
यूक्रेन से भारी तादाद में लोगों के पलायन को देखते हुए रूस ने अपने इलाके में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। रूस ने अपने लोगों की घर वापसी के लिए 400 सैनिक और 150 गाड़ियों की तैनाती की है। रूस के इमरजेंसी डिपार्टमेंट का कहना है कि प्रवासी लोगों को लाने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया है। अलगाववादी संगठनों ने यूक्रेन के लगभग 24 सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। इसमें यूक्रेन के एक सैनिक की मौत हो गई।
यूक्रेन के राष्ट्रपति की भावुक अपील
रूस से समझौते के लिए म्युनिख पहुंचे यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेनेस्की ने भावुक अपील की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन में हालात ठीक नहीं हैं। ऐसे में पश्चिमी देश समझौते को लेकर यूक्रेन को भरोसे में लें। उन्होंने कहा कि पुतिन से बातचीत के लिए उन्होंने हमेशा दरवाजे खुले रखे हैं। जेलेनेस्की ने पश्चिमी देशों से कहा है कि रूस पर तत्काल कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं।